ज़नाब अर्ज़ है...
मैं पीकर नहीं बहकता, बहकता हूँ सिर्फ उसे देखकर,
अब बताओ ज़रा कि शराब हराम है या वो?
इतने में मम्मी के कमरे से आवाज़ आई,
शराब हराम है और वो हरामज़ादी है और तू नालायक
माँ कसम, सब साफ़ हो गया।
मैं पीकर नहीं बहकता, बहकता हूँ सिर्फ उसे देखकर,
अब बताओ ज़रा कि शराब हराम है या वो?
इतने में मम्मी के कमरे से आवाज़ आई,
शराब हराम है और वो हरामज़ादी है और तू नालायक
माँ कसम, सब साफ़ हो गया।
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