एक नवदम्पति बाग़ में घूम रहे थे कि तभी अचानक एक कुत्ता दौड़ता हुआ उनकी तरफ आया।
दोनों समझ गए कि वो उन्हें काटेगा।
पति ने तुरंत पत्नी को दोनों हाँथों पर ऊपर उठा लिया ताकि कुत्ता उसकी प्यारी पत्नी को काट ना सके।
कुत्ता उनके करीब पहुँचने के पहले ही रुक गया। थोड़ा गुर्राया और फिर पीछे हटकर भाग गया।
पति ने पत्नी को वापस जमीन पर उतार दिया और सोचा कि वो उसकी भावनाओं को समझकर खुश हो जाएगी कि कैसे कुत्ते से बचाने के लिए उसने उसे गोद में उठा लिया।
लेकिन जमीन पर खड़े होते ही पत्नी चिल्लाई---" मैंने लोगों को कुत्ते को डराने, भगाने के लिए उसपर पत्थर और लकड़ी फेंकते देखा है। लेकिन ये पहली बार देखा है कि, कोई अपनी पत्नी को उठाकर कुत्ते पर फेंकने की कोशिश करे..!! "
Moral of the story पति बेचारा कुछ भी कर ले पत्नियाँ कभी खुश नहीं होंगी।
दोनों समझ गए कि वो उन्हें काटेगा।
पति ने तुरंत पत्नी को दोनों हाँथों पर ऊपर उठा लिया ताकि कुत्ता उसकी प्यारी पत्नी को काट ना सके।
कुत्ता उनके करीब पहुँचने के पहले ही रुक गया। थोड़ा गुर्राया और फिर पीछे हटकर भाग गया।
पति ने पत्नी को वापस जमीन पर उतार दिया और सोचा कि वो उसकी भावनाओं को समझकर खुश हो जाएगी कि कैसे कुत्ते से बचाने के लिए उसने उसे गोद में उठा लिया।
लेकिन जमीन पर खड़े होते ही पत्नी चिल्लाई---" मैंने लोगों को कुत्ते को डराने, भगाने के लिए उसपर पत्थर और लकड़ी फेंकते देखा है। लेकिन ये पहली बार देखा है कि, कोई अपनी पत्नी को उठाकर कुत्ते पर फेंकने की कोशिश करे..!! "
Moral of the story पति बेचारा कुछ भी कर ले पत्नियाँ कभी खुश नहीं होंगी।