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Wednesday, 26 August 2015

Detergent ad

जैसे डिटर्जेंट के विज्ञापन में बच्चे कपडे
गंदे कर
घर आ जाते है ...
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बचपन में हम आ जाया करते थे तो कपडे
बाद में
धुलते थे, पहले हम धुले जाते थे।

Aamiro wali feeling

जो लोग गाड़ी का पेट्रोल-टैंक फुल भरवा के खुद को अमीर समझ रहे हैं, उन्हें बता दूं क़ि मैंने अभी-अभी प्याज के परांठे खाये हैं।

Saas vs bahu

Bahu roti ja rahi thi.
Sas ne pucha - kyo beti,ro q rahi hai..?
Bahu: Kya main Chudel
jaisi dikhati hun..? :':
Saas: Nahi, bilkul nahi.
Bahu: Kya meri eyes
mendak ki taraha hai..?
Saas: Nahi to.
Bahu: Kya meri nak pakode
jaisi hai..?
Saas: Nahi..!
Bahu: Kya mai bhains jaisi moti
aur kali hoon..?
Saas: Nahi beti, yeh sab kisne
kaha tumse..?
Bahu: Phir sare mohalle ke log
kyu kahte phirte hai ki tu
to apni Saas jaisi dikhati hai.????

Secret baat

pta h ghr pe meri engagment ki baat chl rahi h.. ek rista aya h bua ki side se, mujhe kch samjh nai ara.. kal rat hi sab fix hua..mujhe abhi btaya or engegmnt ki date 25sept ko rkhi h..shadi bad me ho jaegi..sbi mujhe bht force kr rhe h...Itna kehkar santa chala gya or uski gf rone lagi.......😂

Love letter

एक कॉलेज का लडका,
एक तीसरी क्लास
के बच्चे से -
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.
.
ओये छोटे तुझे चॉकलेट खिलाऊंगा..
क्या अपनी दीदी का नम्बर
देगा..?
.
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तीसरी क्लास का बच्चा -
तुझे बीयर पिलाऊंगा...
ये लव
लेटर जाकर
अपनी छोटी बहन को देगा..!!

Riksha sawari

३ दोस्त दारू पिने के बाद रिक्षा के पास आते हैं....

रिक्षा driver को पता होता है कि ये तिनो पिकर हैं,
वो बस इंजिन चालू करके बंद करता है
और कहता है हम पहुच गये

पहला दोस्त उसे पैसे देता है,
दुसरा उसे धन्यवाद कहता है


तिसरा उसे जोरदार तमाचा जड देता है

रिक्षा driver को लगता है की मैने जो किया वो शायद इसे पता चल गया .......फिर भी वो हिम्मत करके पुछता है ..,


'क्यु मारा??'

तिसरा : अगली बार रिक्षा धीरे चलाना.....!!!!!!

Five thousand

पतनी-सुनो जी मुझे पाँच हज़ार रुपये दे दो


नहीं है ।



तो चार दे दो


नही हैं ।


अच्छा ,आज के बाद मुझे छूना भी मत, बात भी न करना । मेरी तरफ़ देखना भी मत ।
नहीं देखूँगा ।


पाँच हज़ार रुपये राधे अम्माँ के यहाँ चढ़ाऊँगा
वो नाच के भी दिखाएगी
जप्फी वप्फी भी डालेगी
हो सकता है गोद में भी---


पत्नी सुनकर बाहर को जाने लगती है


अब बिन पैसे के कहाँ चली ।


बापू आसाराम के आश्रम जा रही हूँ
सुना है बापू की गैरहाजरी में भी बापू के शिष्य सारी
"धार्मिक गतिविधियाँ "
उसी तरह से चला रहे हैं । दो चार दिन वहीं रहूंगी ।


अरे पगली ! बस तू भी ना !
ये ले पाँच हज़ार