पतनी-सुनो जी मुझे पाँच हज़ार रुपये दे दो
नहीं है ।
तो चार दे दो
नही हैं ।
अच्छा ,आज के बाद मुझे छूना भी मत, बात भी न करना । मेरी तरफ़ देखना भी मत ।
नहीं देखूँगा ।
पाँच हज़ार रुपये राधे अम्माँ के यहाँ चढ़ाऊँगा
वो नाच के भी दिखाएगी
जप्फी वप्फी भी डालेगी
हो सकता है गोद में भी---
पत्नी सुनकर बाहर को जाने लगती है
अब बिन पैसे के कहाँ चली ।
बापू आसाराम के आश्रम जा रही हूँ
सुना है बापू की गैरहाजरी में भी बापू के शिष्य सारी
"धार्मिक गतिविधियाँ "
उसी तरह से चला रहे हैं । दो चार दिन वहीं रहूंगी ।
अरे पगली ! बस तू भी ना !
ये ले पाँच हज़ार
नहीं है ।
तो चार दे दो
नही हैं ।
अच्छा ,आज के बाद मुझे छूना भी मत, बात भी न करना । मेरी तरफ़ देखना भी मत ।
नहीं देखूँगा ।
पाँच हज़ार रुपये राधे अम्माँ के यहाँ चढ़ाऊँगा
वो नाच के भी दिखाएगी
जप्फी वप्फी भी डालेगी
हो सकता है गोद में भी---
पत्नी सुनकर बाहर को जाने लगती है
अब बिन पैसे के कहाँ चली ।
बापू आसाराम के आश्रम जा रही हूँ
सुना है बापू की गैरहाजरी में भी बापू के शिष्य सारी
"धार्मिक गतिविधियाँ "
उसी तरह से चला रहे हैं । दो चार दिन वहीं रहूंगी ।
अरे पगली ! बस तू भी ना !
ये ले पाँच हज़ार
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