पति बाल्कनी में खड़ा खड़ा मस्ती से गा रहा था
पंछी बनूं उड़ता फिरुँ मस्त गगन में
आज में आज़ाद हूँ दुनिया के चमन में
रसोई में से बीवी की आवाज़ आई-घर में ही उड़ो ।
सामने वाली पीहर गई है
पंछी बनूं उड़ता फिरुँ मस्त गगन में
आज में आज़ाद हूँ दुनिया के चमन में
रसोई में से बीवी की आवाज़ आई-घर में ही उड़ो ।
सामने वाली पीहर गई है
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