महाभारत के युद्ध की रणभेरी बज चुकी थी.
अर्जुन ने आचार्य द्रोण , भीष्म पितामह और दूसरे सगे सम्बन्धियो को देखा
असीम विषाद दुःख और असमंजस की पीडा से व्यथित हो उसने हथियार डाल दिए
समझ नहीं आ रहा था की क्या करे
सच्चाई के लिए लड़े या भावनाओं में बह कर झूठ को जीतने दे?????
लगभग इसी मनःस्थिति से
पति गुजरता है
जब उसे पत्नी के प्रश्न
"मै कैसी लग रही हूँ "
का ज़वाब देना होता है....,😞😞😉
अर्जुन ने आचार्य द्रोण , भीष्म पितामह और दूसरे सगे सम्बन्धियो को देखा
असीम विषाद दुःख और असमंजस की पीडा से व्यथित हो उसने हथियार डाल दिए
समझ नहीं आ रहा था की क्या करे
सच्चाई के लिए लड़े या भावनाओं में बह कर झूठ को जीतने दे?????
लगभग इसी मनःस्थिति से
पति गुजरता है
जब उसे पत्नी के प्रश्न
"मै कैसी लग रही हूँ "
का ज़वाब देना होता है....,😞😞😉
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