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Sunday, 19 April 2015

Napali sayari

एक नेपाली ने गुलजार साहब के पाँव पकड़ लिए और गुजारिश करने लगा
" दादा होम भी शायरी सिखेगा"
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काफी मान मनौवत के बाद गुलजार साहब मान गए और बोले - जैसा मै बोलूँ तुम वैसा ही बोलना।
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नेपाली :- ठीक है।
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गुलजार साहब :-
"ना गिला करुँगा,
ना शिकवा करुँगा.....
तू सलामत रहे इस दुनिया में,
रब से यही दुआ करुँगा।"
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नेपाली ने दोहराया:-
"ना गीला कोरेगा,
ना सूखा कोरेगा .....
तु साला, मत रहे इस दुनिया में,
रोब से येही दुआ कोरेगा।"
गुलज़ार साहब बेहोश😀

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