एक गाँव में जिलाधिकारी महोदय नसबंदी के महत्व और उपयोगिता के बारे में ग्राम सेवकों की एक सभा में भाषण कर रहे थे.
भाषण के बाद उन्होंने कहा कि अगर कोई सवाल पूछना चाहे तो पूछ सकता है.
एक ग्राम सेवक खडा हुआ और हाथ जोड़ कर बोला – साहब माफ़ किया जाये एक अटपटा सवाल पूछ रहा हूँ. पर यह मेरा सवाल नहीं है, गाँव वाले पूछते है.
जिलाधिकारी महोदय ने उसे सवाल पूछने की अनुमति दे दी.
ग्राम सेवक ने कहा – सरकार गाँव वाले पूछते है कि क्या जिलाधिकारी महोदय ने नसबंदी कराई है?
जिलाधिकारी महोदय ने कहा- नहीं मैंने नसबंदी नहीं कराई है.
ग्राम सेवक ने पूछा – सरकार गाँव वाले पूछते है कि क्या कमिश्नर महोदय ने नसबंदी कराई है?
जिलाधिकारी महोदय ने कहा- जहाँ तक मुझे जानकारी है कमिश्नर महोदय ने भी नसबंदी नहीं कराई है.
ग्राम सेवक ने पूछ – सरकार, गाँव वाले पूछते है कि क्या मंत्रालय के सचिव महोदय ने नसबंदी कराई है?
जिलाधिकारी महोदय ने कहा- मैं तुम्हारा सवाल समझ गया... देखो हम सब पढ़े – लिखे लोग हैं...हम बिना नसबंदी कराए ही परिवार नियोजन करते हैं.
ग्राम सेवक ने कहा- तो भैण के लौड़े
हमें भी पढ़ाओ लिखाओ,
भोसड़ी के हमारे लण्ड के पीछे क्यों पड़े हो !!
भाषण के बाद उन्होंने कहा कि अगर कोई सवाल पूछना चाहे तो पूछ सकता है.
एक ग्राम सेवक खडा हुआ और हाथ जोड़ कर बोला – साहब माफ़ किया जाये एक अटपटा सवाल पूछ रहा हूँ. पर यह मेरा सवाल नहीं है, गाँव वाले पूछते है.
जिलाधिकारी महोदय ने उसे सवाल पूछने की अनुमति दे दी.
ग्राम सेवक ने कहा – सरकार गाँव वाले पूछते है कि क्या जिलाधिकारी महोदय ने नसबंदी कराई है?
जिलाधिकारी महोदय ने कहा- नहीं मैंने नसबंदी नहीं कराई है.
ग्राम सेवक ने पूछा – सरकार गाँव वाले पूछते है कि क्या कमिश्नर महोदय ने नसबंदी कराई है?
जिलाधिकारी महोदय ने कहा- जहाँ तक मुझे जानकारी है कमिश्नर महोदय ने भी नसबंदी नहीं कराई है.
ग्राम सेवक ने पूछ – सरकार, गाँव वाले पूछते है कि क्या मंत्रालय के सचिव महोदय ने नसबंदी कराई है?
जिलाधिकारी महोदय ने कहा- मैं तुम्हारा सवाल समझ गया... देखो हम सब पढ़े – लिखे लोग हैं...हम बिना नसबंदी कराए ही परिवार नियोजन करते हैं.
ग्राम सेवक ने कहा- तो भैण के लौड़े
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