पत्नी: अजी सुनते हो इस बार गर्मियों की छुट्टियों में हम कहाँ चलेंगे?
पति (रोमांटिक अंदाज़ में गुनगुनाते हुए): जहाँ ग़म भी ना हो। आंसू भी ना हो। बस प्यार ही प्यार पले।
पत्नी: देखो जी ऐसा तो बिलकुल नहीं हो सकता। मैं तो साथ चलूँगी ही चलूँगी।
पति (रोमांटिक अंदाज़ में गुनगुनाते हुए): जहाँ ग़म भी ना हो। आंसू भी ना हो। बस प्यार ही प्यार पले।
पत्नी: देखो जी ऐसा तो बिलकुल नहीं हो सकता। मैं तो साथ चलूँगी ही चलूँगी।
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