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Saturday, 22 August 2015

Do pagal

एक पागलखाने में दो पागल थे। एक दिन जब वे दोनों, पागलों के लिये बनाये गये नहाने के तालाब के किनारे टहल रहे थे तभी अचानक एक का पैर फिसल गया और वह पानी में जा गिरा।

उसे तैरना नहीं आता था लिहाजा वह डूबने लगा।
उसे दोस्त को डूबते देख दूसरे ने फौरन पानी में छलांग लगायी और बड़ी मेहनत करके उसे जिन्दा बाहर निकाल लाया।

जब यह खबर पागलखाने के अधिकारीयों को लगी तो वह आश्चर्य में पड़ गए। उन्होंने सोचा कि अब ये बिलकुल ठीक हो गया है। जिसने भी ये कारनामा सुना उसने यही राय
दी कि अब वह ठीक हो गया है। अब वह पागल नहीं है।

अधिकारीयों ने उसे पागलखाने से रिहा करने का निश्चय कर लिया।

अगले दिन अधिकारी ने उसको अपने कैबिन में बुलाया और कहा, "तुम्हारे लिए दो खबरें हैं; एक बुरी और एक अच्छी।

अच्छी खबर यह कि तुम्हें पागलखाने से छुट्टी दी जा रही है क्योंकि अब
तुम्हारी दिमागी हालत बिल्कुल ठीक है। तुमने अपने दोस्त की जान बचाने का जो कारनामा किया है उससे यही साबित होता है

और बुरी खबर यह है कि तुम्हारे
दोस्त ने ठीक तुम्हारे उसकी जान बचाने के बाद बाथरूम में जाकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह मर चुका है।"

पागल ने जवाब दिया, "उसने खुद अपने आपको नहीं लटकाया । वह तो मैंने ही उसे सूखने के लिये वहां लटकाया था।

अधिकारी अब तक कोमा में है

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