वॉट्स अप की अवस्था कुंभ मेले जैसी हो गई है..
चारो तरफ अखाडे ही अखाडे..(ग्रुप ही ग्रुप)..
किसी मे एक तो किसी मे २-३-४ महंत..
(एडमिन)..
कुछ साधू नियमित प्रवचन करते है
(बहुत एक्टिव मेंबर्स)..
कुछ हफ्ते मे एक दो बार..
(कम एक्टिव मेंबर्स)..
कुछ साधू जो बस सिर्फ लंगर खाते रहते है..
( निठले मेबर्स जो बस पोस्ट पढ़ते रहते है)..
चारो तरफ अखाडे ही अखाडे..(ग्रुप ही ग्रुप)..
किसी मे एक तो किसी मे २-३-४ महंत..
(एडमिन)..
कुछ साधू नियमित प्रवचन करते है
(बहुत एक्टिव मेंबर्स)..
कुछ हफ्ते मे एक दो बार..
(कम एक्टिव मेंबर्स)..
कुछ साधू जो बस सिर्फ लंगर खाते रहते है..
( निठले मेबर्स जो बस पोस्ट पढ़ते रहते है)..
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