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Tuesday, 16 June 2015

Ullu kaa patha

उल्लू का पठ्ठा

एक गाँव के एक आदमी ने नेताजी से कह दिया कि उल्लू के पठ्ठे हो।अब नेताजी को कोई उल्लू का पठ्ठा कहे और वे उसे यूं ही छोड़ दें ऐसा तो हो ही नहीं सकता।
उन्होंने अदालत में मानहानि का मुकदमा चलाया।
संता नेताजी के पास ही खड़ा था।तो उसे गवाही मे लिया गया।जिसने अपमानित किया था नेताजी को उसने मजिस्ट्रेट से कहा कि - उस जगह पर कम से कम पचास लोग थे।जरूर मैंने उल्लू का पठ्ठा शब्द का प्रयोग किया था लेकिन मैंने किसी का नाम नहीं लिया।नेताजी कैसे सिद्ध कर सकते हैं कि मैंने उन्हें ही उल्लू का पठ्ठा है।
नेताजी ने कहा:-" मैं सिद्ध कर सकता हूँ , मेरे पास गवाह है।"
संता को खड़ा किया गया।
मजिस्ट्रेट ने संता से पूछा कि तुम गवाही दे सकते हो कि इस आदमी ने नेताजी को इंगित करते हुए उल्लू का पठ्ठा कहा था?"
संता ने हाँ में जवाब दिया।
मजिस्ट्रेट ने कहा:-" तुम कैसे इतने निश्चित हो सकते हो? वहाँ तो पचास लोग खड़े थे।इसने किसी का नाम तो लिया नहीं।"
संता ने कहा:-" नाम लिया हो कि न लिया हो, पचास हों कि पांच सौ हों,मगर वहाँ उल्लू का पठ्ठा केवल एक ही था।मैं अपने बेटे की कसम खाकर कहता हूँ कि वहां कोई दूसरा उल्लू का पठ्ठा था ही नहीं।यह कहता भी तो किसको ।

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