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Sunday 21 June 2015

Hayanvi isshtri

एक दिन पड़ोस का हरयाणवी छोरा आ के बोल्या-
" रे चाचा, अपड़ी इस्त्री देदे... " 😊
चाचा अपनी जनानी की ओर किया इसारा और बोला- " ले जा, वा बैठी.. " 😜
छोरा चुप चाप देखन लाग्या...😳
बोला- " चाचा यो नहीं, कपडे वाली.."
चाचा बोल्या- " भले मानस, यो तन्ने बैगर कपड़े दीखती है के ??? " 😠
छोरा गुस्से में चीखाछोरा गुस्से में चीखा😡- " रा चाचा
बावड़ा ना बन, करंट वाली इस्त्री.."
चाचा- " बावड़े, हाथ ते लगा के देख...जे ना मारे करंट, फेर बात कर..."
😝😝😝

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