ये मेरे ऊन दोस्तो के लिये जिन से कई दिनो से मिल नहीं पाया हु...
अर्ज किया हे...
मैं भूला नहीं हूँ किसी को ...
मेरे बहुत कम दोस्त है ज़माने में ...
बस थोड़ी जिंदगी उलझी पड़ी है ...
दो वक़्त की रोटी कमाने में
क्या फर्क है ?
... दोस्ती और मोहब्बत मे !
....रहते तो दोनो दिल मे हि है !
लेकिन,,....फर्क बस इतना है...
बरसो बाद ....मिलने पर....
मोहब्बत नजर चुरा लेती है...
और दोस्त सीने से लगा लेते है....
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अर्ज किया हे...
मैं भूला नहीं हूँ किसी को ...
मेरे बहुत कम दोस्त है ज़माने में ...
बस थोड़ी जिंदगी उलझी पड़ी है ...
दो वक़्त की रोटी कमाने में
क्या फर्क है ?
... दोस्ती और मोहब्बत मे !
....रहते तो दोनो दिल मे हि है !
लेकिन,,....फर्क बस इतना है...
बरसो बाद ....मिलने पर....
मोहब्बत नजर चुरा लेती है...
और दोस्त सीने से लगा लेते है....
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