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Wednesday 27 May 2015

Jam pe jam

"बोतल छुपा दो कफ़न में मेरे,
शमशान में पिया करूंगा,
जब खुदा मांगेगा हिसाब,
तो पैग बना कर दिया करूंगा"
"नशा" "महोब्बत " का हो
"शराब" का हो ...- या -
"व्हाट्सप्प " का हो
" होश " तीनो मे खो जाते है
" फर्क " सिर्फ इतना है की,
"शराब" सुला देती है ..
"महोब्बत " रुला देती है ,
- और -
"व्हाट्सप्प " यारो की
याद दिला देती है ..!

समर्पित
सभी प्यारें दोस्त के लिए ... ┈┈┈┏┓┈┈┈┈┈┈┈┈┈┈┈
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जाम पे जाम पीने का क्या फ़ायदा?, शाम
को पी, सुबह उतर जाएगी. अरे दो बून्द दोस्ती के
पी ले ज़िन्दगी सारी नशे में गुज़र जाएगी...

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