आदमी-भगवान मेरी मदद करो।
भगवान-क्या हुआ मेरे बच्चे ?
आदमी-भगवान मै क्या करुं?
परिवार के लिए कमाऊँ या उनके साथ समय व्यतीत करुं ?
भगवान -मैने तुम्हें मर्द बनाया है,इसलिए तुम रोजी-रोटी भी कमाओ और परिवार का ध्यान भी रखो।
आदमी -पर कैसे ?यदि मैं अपनी दुकान पर ध्यान लगाता हूं तो परिवार को समय नहीं दे पाता,और परिवार मे ध्यान लगाऊ तो दुकानदारी ठीक से नहीं कर पाता?
भगवान -इसलिए मैंने रवीवार बनाया है,इस दिन को परिवार के साथ बिताओ और बाकी 6 दिन मन लगाकर दुकानदारी करो।
आदमी -पर भगवान मै तो सिन्धी हूँ ।
भगवान -ओ तेरी!! फिर मुझे माफ करना !!
भगवान-क्या हुआ मेरे बच्चे ?
आदमी-भगवान मै क्या करुं?
परिवार के लिए कमाऊँ या उनके साथ समय व्यतीत करुं ?
भगवान -मैने तुम्हें मर्द बनाया है,इसलिए तुम रोजी-रोटी भी कमाओ और परिवार का ध्यान भी रखो।
आदमी -पर कैसे ?यदि मैं अपनी दुकान पर ध्यान लगाता हूं तो परिवार को समय नहीं दे पाता,और परिवार मे ध्यान लगाऊ तो दुकानदारी ठीक से नहीं कर पाता?
भगवान -इसलिए मैंने रवीवार बनाया है,इस दिन को परिवार के साथ बिताओ और बाकी 6 दिन मन लगाकर दुकानदारी करो।
आदमी -पर भगवान मै तो सिन्धी हूँ ।
भगवान -ओ तेरी!! फिर मुझे माफ करना !!
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