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Wednesday, 29 April 2015

Meri pyari

वोह कौन थी ?

रंग से गोरी न थी

लेकिन सुन्दर थी

बहोत ऊँची न थी

लेकिन मेरे लिए योग्य थी

प्रेम देने वाली न सही

मेरे कदमो से कदम मिलाती थी

मन्दिर आने से इनकार करती थी

लेकिन बाहर मेरा इंतजार करती थी

कही भी जाओ मेरे लिए रुक जाती थी

वोह कौन थी ?
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मेरी चप्पल थी 😊😊😊😊😊😄

अब कोई चुराके ले गया
😩😫😫

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