Sunday, 5 April 2015

Gita Sar Appraisal time

🌀 कंपनी भग्वद गीता 🌀

हे पार्थ,

|| तुम पिछली
इन्क्रीमेंट का पश्चाताप मत करो ||

|| तुम अगली प्रमोशन की चिंता भी मत करो ||

|| बस अपनी करंट ड्यूटी से ही प्रसन्न रहो ||

|| तुम जब नहीं थे, तब भी ये कंपनी चल रहा थी ||

|| तुम जब नहीं होगे, तब भी ये कंपनी चलती रहेगी ||

|| जो टारगेट आज तुम्हारा है, कल किसी और का था ||

|| वो कल किसी और का होगा ||

|| तुम इसे अपना समझ कर मगन हो रहे हो ||

|| यही तुम्हारी समस्त दुखों का कारण है ||

|| प्रमोशन, इन्क्रीमेंट,छुट्टी, बोनस और इंसेंटिव जैसे शब्द अपने मन से निकाल दो ||

|| फिर तुम कंपनी के और ये कंपनी तुम्हारी होगी ||

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