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Sunday 19 July 2015

That's a Journey

आगे सफर था और पीछे हमसफर था....
रूकते तो सफर छूट जाता और चलते तो हम सफर छूट जाता...

मंजिल की भी हसरत थी और उनसे भी मोहब्बत थी..
ए दिल तू ही बता...उस वक्त मैं कहाँ जाता...

मुद्दत का सफर भी था और बरसो का हम सफर भी था
रूकते तो बिछड जाते और चलते तो बिखर जाते....

यूँ समँझ लो....

प्यास लगी थी गजब की...मगर पानी मे जहर था...
पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते...
बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए!!!
ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए!!!

वक़्त ने कहा.....काश थोड़ा और सब्र होता!!!
सब्र ने कहा....काश थोड़ा और वक़्त होता!!!

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